Homeशिक्षाNational Education Day: जानें कब और कैसे हुई थी इसकी शुरुआत ?

National Education Day: जानें कब और कैसे हुई थी इसकी शुरुआत ?

National Education Day: हर साल 11 नवंबर को पूरे भारत में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद (Maulana Abul Kalam Azad Jayanti) की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिन्होंने भारतीय शिक्षा प्रणाली की आधारशिला रखी और उसे एक नई दिशा दी। 2008 में इस दिन को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई, जिसके बाद से हर साल यह दिन पूरे देश में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है। 

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का इतिहास और महत्व / History of National Education Day

मौलाना अबुल कलाम आजाद (5 अगस्त 1947 – 2 फरवरी 1958 तक शिक्षा मंत्री) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष रहे। स्वतंत्रता के बाद उन्होंने देश की शिक्षा प्रणाली को सुधारने और मजबूत करने के लिए कई प्रयास किए। उनके कार्यकाल में भारतीय शैक्षणिक संस्थानों की नींव रखी गई, जिसमें साहित्य अकादमी, ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी और सांस्कृतिक संबंध परिषद जैसी संस्थाओं का गठन शामिल है। उनका मानना था कि शिक्षा से व्यक्तियों और समुदायों का उत्थान संभव है, और इसी सोच को साकार करने के लिए उन्होंने शिक्षा में क्रांतिकारी कदम उठाए।

मौलाना आजाद के कार्यकाल में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों की स्थापना की गई, जो आज भारतीय शिक्षा में उच्च मानक का प्रतीक हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता और दूरदर्शी सोच ने आधुनिक भारत को आकार देने में बड़ी भूमिका निभाई। उनके योगदान को सम्मान देने के लिए 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है, ताकि उनकी प्रेरणा और सोच को आने वाली पीढ़ियां आगे ले जा सकें।

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का उद्देश्य

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना और इसे समाज के हर व्यक्ति के लिए सुलभ बनाना है। मौलाना आजाद का मानना था कि शिक्षा केवल व्यक्तिगत उन्नति का माध्यम नहीं है, बल्कि यह समाज के विकास का एक महत्वपूर्ण आधार है। भारत सरकार ने इस उद्देश्य के लिए 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए अनिवार्य और निशुल्क शिक्षा अभियान भी शुरू किया है, ताकि हर बच्चे को शिक्षा की मुख्यधारा में शामिल किया जा सके।

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस कैसे मनाया जाता है?

इस दिन स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है, जिसमें सेमिनार, प्रतियोगिताएं, जागरूकता रैलियाँ, और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रमुख हैं। छात्र और शिक्षक मिलकर शिक्षा के महत्व पर चर्चा करते हैं, और भारत की शिक्षा प्रणाली को और अधिक सशक्त बनाने पर विचार-विमर्श करते हैं।

निष्कर्ष

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस न केवल मौलाना अबुल कलाम आजाद के योगदानों को सम्मानित करने का अवसर है, बल्कि यह शिक्षा के प्रति समाज में जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी है। इस दिन का उद्देश्य हर भारतीय को यह समझाना है कि शिक्षा ही वह साधन है, जो व्यक्तियों और समाज दोनों को सशक्त बना सकता है। मौलाना आजाद की शिक्षा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।

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