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‘दंगल’ गर्ल फातिमा सना शेख का मिर्गी पर खुलासा: जानें सच्चाई और इलाज के तरीके!

Epilepsy in Hindi: दंगल फिल्म की स्टार फातिमा सना शेख (Fatima Sana Shaikh) ने हाल ही में अपनी मिर्गी (Mirgi) की बीमारी के बारे में खुलकर बातचीत की। उनका कहना है कि शूटिंग के दौरान उन्हें यह बीमारी का पता चला था, और शुरू में यह स्वीकार करना उनके लिए मुश्किल था। फातिमा ने यह भी बताया कि उन्हें डर था कि कहीं सेट पर अचानक मिर्गी का दौरा न पड़ जाए, क्योंकि मिर्गी के बारे में आमतौर पर समाज में जागरूकता का अभाव है। लोग अक्सर इसे नशे की लत या भूत-प्रेत से जोड़कर देखते हैं।

मिर्गी, जिसे एपिलेप्सी भी कहा जाता है, एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है। इसमें ब्रेन के नर्व सेल्स सही तरीके से सिग्नल नहीं भेज पाते, जिससे बार-बार दौरे पड़ने लगते हैं। दौरे के दौरान ब्रेन की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी अत्यधिक बढ़ जाती है, जिससे शरीर में अनियंत्रित झटके और अकड़न हो सकती है, और कभी-कभी व्यक्ति होश खो सकता है।

मिर्गी की स्थिति और भारत में इसका प्रभाव:

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 50 मिलियन लोग मिर्गी से प्रभावित हैं, जिनमें से एक करोड़ मरीज भारत में हैं। इसका मतलब यह है कि दुनिया के 20% मिर्गी के मरीज भारत में रहते हैं, और यह संख्या चिंताजनक है।

मिर्गी क्या है?

मिर्गी एक ऐसी बीमारी है जिसमें ब्रेन के नर्व सेल्स में असामान्य इलेक्ट्रिकल गतिविधियाँ होने लगती हैं। इसका मुख्य कारण ब्रेन सेल्स का डैमेज होना होता है, जो दौरे की वजह बनता है। यह बीमारी कभी भी किसी को हो सकती है और इसके कारणों का 70% तक सही पता नहीं लगाया जा सका है।

मिर्गी के दौरे के कारण:

मिर्गी के दौरे की कई वजह हो सकती हैं। कुछ मामलों में, अगर किसी व्यक्ति के माता-पिता में से किसी एक को मिर्गी हो, तो इसका असर बच्चों पर भी हो सकता है। सिर में चोट लगने से भी मिर्गी का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा अत्यधिक तनाव, नींद की कमी, और अनियमित जीवनशैली मिर्गी के दौरे को ट्रिगर कर सकती हैं।

मिर्गी के दौरे के समय क्या करना चाहिए?

जब किसी को मिर्गी का दौरा पड़े, तो सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हम शांति बनाए रखें और उस व्यक्ति के पास रहें। दौरे के दौरान यह आवश्यक है कि व्यक्ति को कोई भी खतरनाक वस्तु न लगे और उसे सुरक्षित स्थान पर लिटाया जाए। अगर दौरा हल्का हो, तो व्यक्ति को शांत वातावरण में रखें और सुनिश्चित करें कि वह होश में आ जाए। 

अगर दौरा ज्यादा गंभीर हो और झटके बढ़ रहे हों, तो:

1. व्यक्ति को जमीन पर आराम से लिटाएं।

2. उसे करवट दिलवाकर उसकी सांसों में मदद करें।

3. उसके सिर के नीचे मुलायम चीज़ रखें।

4. अगर वह चश्मा पहने हो तो उसे हटा लें, और कपड़े ढीले कर दें।

यदि दौरा 5 मिनट से ज्यादा समय तक चलता है तो तुरंत अस्पताल में इलाज के लिए ले जाएं।

मिर्गी से जुड़ी कुछ मिथक और सच्चाई:

1. मिथक: मिर्गी एक मानसिक बीमारी है।

सच्चाई: मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जिसे इलाज से नियंत्रित किया जा सकता है।

2. मिथक: मिर्गी के दौरे के दौरान मोजा सूंघाना चाहिए।

सच्चाई: यह एक गलत और अवैज्ञानिक तरीका है, ऐसा न करें।

3. मिथक: मिर्गी का इलाज संभव नहीं।

 सच्चाई:  सही दवाइयों से 75% मिर्गी के मरीजों को राहत मिलती है।

4. मिथक: मिर्गी के दौरे में मुंह में चम्मच डालना चाहिए।

सच्चाई: ऐसा करने से मरीज को नुकसान हो सकता है। दौरे के दौरान मुंह में कोई कठोर चीज़ डालना खतरनाक हो सकता है।

मिर्गी एक गंभीर लेकिन नियंत्रित की जा सकने वाली बीमारी है। इसके बारे में जागरूकता फैलाने से समाज में इसके प्रति गलत धारणाओं को खत्म किया जा सकता है। यदि आप या आपके आसपास कोई मिर्गी के दौरे से गुजर रहा है, तो सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आप शांत और संयमित रहें और उचित मदद प्रदान करें।

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