HomeUncategorizedMaharashtra में होगा बडा खेल, लोकसभा के बाद अब Vidhansabha में भी...

Maharashtra में होगा बडा खेल, लोकसभा के बाद अब Vidhansabha में भी रोचक हुआ चुनाव

Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को होने वाले चुनावों में इस बार माहौल खासा गरम है। पहली बार चुनावी मैदान में 6 बड़ी पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा, जो इस चुनाव को और दिलचस्प बना रहा है। 23 नवंबर को आने वाले नतीजे ये तय करेंगे कि क्या लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) का प्रभाव विधानसभा में भी देखने को मिलेगा या स्थानीय मुद्दों की बिसात पर ही हर दल का कद तय होगा।

Video: 2024 Maharashtra Chunav me kaun jeetega?

लोकसभा चुनाव के नतीजे विधानसभा के नजरिए से

2024 के लोकसभा चुनावों में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए थे। अजित पवार की NCP केवल 6 सीटों पर सिमट गई थी, जबकि BJP को 23 सीटों का बड़ा नुकसान झेलना पड़ा था। वहीं, महाविकास अघाड़ी गठबंधन की कांग्रेस ने 63 सीटों पर जीत दर्ज कर बाजी मारी थी। यह संकेत है कि महाराष्ट्र में इस बार किसी भी एक पार्टी के लिए अकेले बहुमत हासिल करना बेहद कठिन होगा।

लोकसभा के परिणामों के आधार पर BJP को 79, शिवसेना (शिंदे) को 40, और अजित पवार की NCP को मात्र 6 सीटें मिली थीं। वहीं, कांग्रेस को 63, उद्धव ठाकरे की शिवसेना को 57 और शरद पवार की NCP को 34 सीटों पर जनता का समर्थन मिला। यह तस्वीर साफ करती है कि इस बार महाराष्ट्र में हर पार्टी के लिए गठबंधन जरूरी है।

महायुति बनाम महाविकास अघाड़ी

महायुति में BJP, शिवसेना (शिंदे) और अजित पवार की NCP का गठबंधन है, जो सत्ता में अपनी पकड़ मजबूत करने के प्रयास में है। अजित पवार ने शरद पवार के खिलाफ बगावत की थी, लेकिन लोकसभा के नतीजों से साफ है कि जनता ने शरद पवार की NCP को ज्यादा समर्थन दिया। दूसरी तरफ महाविकास अघाड़ी (कांग्रेस, उद्धव शिवसेना, और शरद पवार की NCP) भी एक मजबूत विकल्प के तौर पर उभरी है, जिसमें कांग्रेस की 63 और उद्धव की 57 सीटों की पकड़ विशेष तौर पर मानी जा रही है।

स्थानीय बनाम राष्ट्रीय मुद्दे

जहां लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय मुद्दों का बोलबाला था, विधानसभा चुनाव पूरी तरह से स्थानीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर आधारित रहेंगे। हर क्षेत्र में पार्टियों का मुकाबला अलग-अलग मुद्दों पर होगा, जैसे लाडली बहन योजना, सरकारी कर्मचारियों को बोनस और महायुति की सीट शेयरिंग।

RSS के कार्यकर्ताओं की गैरमौजूदगी और उम्मीदवारों के चयन में देरी ने लोकसभा में महायुति को नुकसान पहुंचाया था। लेकिन इस बार उन्होंने अपनी रणनीति में सुधार किया है और यह उनकी मजबूती का संकेत दे रहा है।

चुनावी नतीजों का इंतजार

महाराष्ट्र की राजनीति में अब हर पार्टी ने अपनी रणनीति को सुधारने की कोशिश की है। 23 नवंबर को पता चलेगा कि महायुति अपनी तैयारी के बल पर महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज होगी या महाविकास अघाड़ी अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराएगी।

ट्रेडिंग